नरेंद्र मोदी बायोग्राफी


नरेंद्र मोदी बायोग्राफी
- पूरा नाम – नरेन्द्र दामोदरदास मोदी
- पद/कार्य – भारत के 15वें प्रधानमंत्री
- कार्यकाल – 26 मई 2014 से वर्तमान तक
- राष्ट्रपति – प्रणब मुखर्जी, रामनाथ कोविन्द
- पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री – डॉ. मनमोहन सिंह
- परवर्ती प्रधानमंत्री – कोई नही
- जन्म – 17 सितंबर 1950 (आयु 70 वर्ष), वड़नगर गुजरात
- राजनैतिक दल – भारतीय जनता पार्टी (BJP)
- धर्म – हिन्दू
- पिता का नाम – दामोदरदास मूलचंददास मोदी
- माता का नाम – हीराबेन मोदी
- पत्नी का नाम – जशोदाबेन
- संतान – नही
नरेंद्र मोदी जी का जन्म गुजरात राज्य के मेहसाना जिले के एक छोटे टाउन वडनगर में हुआ। जब इनका जन्म हुआ था तब यह बॉम्बे में था किन्तु अब वर्तमान में यह गुजरात में स्थित है। नरेंद्र मोदी जी के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, इनके पिता एक सड़क व्यापारी थे, जिन्होंने अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए काफी संघर्ष किया था। मोदी जी की माता एक गृहणी महिला है। मोदी जी ने बचपन में अपने परिवार का समर्थन करने के लिए अपने भाइयों के साथ रेलवे स्टेशन में और फिर बस टर्मिनल में चाय भी बेची। मोदी जी ने अपने बचपन के दिनों में ही कई कठिनाइयों और बाधाओं का सामना किया था, लेकिन अपने चरित्र और साहस की ताकत से उन्होंने सभी चुनौतियों को अवसरों में बदल दिया। इस तरह से इनका शुरूआती जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा था।
मोदी जी का परिवार मोध – घांची – तेली समुदाय से है, जोकि भारत सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी से संबंध रखता है। नरेंद्र मोदी जी अपने माता – पिता की तीसरी संतान हैं। मोदी जी के बड़े भाई सोमा मोदी की उम्र वर्तमान में 75 वर्ष हैं, वे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी रह चुके हैं। इनके दूसरे बड़े भाई अमृत मोदी एक मशीन ऑपरेटर हैं, जिनकी उम्र 72 साल है। इसके बाद मोदी जी के 2 छोटे भाई है, एक प्रहलाद मोदी जिनकी उम्र 62 साल हैं, वे अहमदाबाद में एक शॉप चलाते हैं, एवं दूसरे पंकज मोदी जो, कि गांधीनगर में सूचना विभाग में एक क्लर्क के रूप में कार्यरत हैं।
नरेन्द्र मोदी जी का विवाह – मोदी जी का विवाह घांची समुदाय की परम्पराओं के अनुसार 18 साल की उम्र में सन 1968 में जशोदा बेन चिमनलाल के साथ हुआ। रिपोटर्स के अनुसार, कहा गया है कि मोदी जी का अपनी पत्नी से तलाक़ नहीं हुआ था, लेकिन फिर भी वे दोनों एक – दूसरे से अलग हो गए। मोदी जी की पत्नी जशोदा बेन गुजरात के एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका के रूप में कार्यरत थी, जो कि अब रिटायर हो चुकी हैं।
नरेंद्र मोदी जी की शुरूआती शिक्षा वडनगर के स्थानीय स्कूल से पूरी हुई, उन्होंने वहां सन 1967 तक अपनी हायर सेकेंडरी तक की पढ़ाई पूरी कर ली थी। उसके बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण उन्होंने अपना घर छोड़ दिया था, और फिर उन्होंने पूरे भारत में भ्रमण कर विविध संस्कृतियों की खोज की। इसके लिए मोदी जी ने उत्तर भारत में स्थित ऋषिकेश एवं हिमालय जैसे स्थानों का दौरा किया। उत्तर पूर्व के हिस्सों में दौरा करने के 2 साल बाद वे भारत लौटे. इस तरह से मोदी जी ने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ साल तक अपनी आगे की पढ़ाई नहीं की। फिर मोदी जी ने सन 1978 में अपनी उच्च शिक्षा के लिए भारत के दिल्ली यूनिवर्सिटी में एवं उसके बाद अहमदाबाद में गुजरात यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। वहां उन्होंने राजनीति विज्ञान में क्रमशः स्नातक एवं स्नातकोत्तर किया।
अपनी कॉलेज की पढ़ाई के बाद मोदी जी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हो कर फुलटाइम प्रचारक के रूप में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) जोकि एक हिन्दू राष्ट्रवादी राजनीतिक दल हैं में शामिल होने के लिए अहमदाबाद गये। सन 1975 – 77 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंद्रिरा गांधी द्वारा लगाये गये राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में प्रतिबंध लगा दिया गया था। जिसके कारण मोदी जी को उस समय अंडरग्राउंड होने के लिए मजबूर होना पड़ा एवं गिरफ़्तारी से बचने के लिए भेस बदल कर यात्रा किया करते थे। आपातकाल के विरोध में मोदी जी काफी सक्रीय रहते थे। उन्होंने उस समय सरकार का विरोध करने के लिए पर्चे के वितरण सहित कई तरह के हथकंडे अपनाये। इससे उनका प्रबंधकीय, संगठनात्मक और लीडरशिप कौशल सामने आया। इसके बाद नरेन्द्र मोदी राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में राजनीति में शामिल हो गये। इन्हें आरएसएस में लेखन का काम सौंपा गया था। सन 1985 में आरएसएस द्वारा मोदी जी ने भारतीय जनता पार्टी यानि बीजेपी पार्टी में सम्मिलित होने के बारे में सोचा। सन 1987 में नरेंद्र मोदी जी पूरी तरह से बीजेपी में शामिल हो गए, और पहली बार उन्होंने अहमदाबाद नगरपालिका चुनाव में भाजपा के अभियान को व्यवस्थित करने में मदद की, इसमें भाजपा की जीत हुई।
सन 1987 में नरेंद्र मोदी जी का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद रैंक के माध्यम से तेजी से उदय हुआ, क्योंकि वे एक बहुत ही बुद्धिमानी व्यक्ति थे. उन्होंने व्यवसायों, छोटे सरकारी एवं हिन्दू मूल्यों के निजीकरण को बढ़ावा दिया. इसी साल इन्हें पार्टी के गुजरात ब्रांच के महासचिव के रूप में चुना गया। सन 1990 में LK आडवाणी जी की अयोध्या रथ यात्रा के संचालन में मदद करने के बाद पार्टी के भीतर मोदी जी की क्षमताओं को मान्यता मिली, जो उनका पहला राष्ट्रीय स्तर का राजनीतिक कार्य बन गया। उसके बाद सन 1991-92 में मुरली मनोहर जोशी की एकता यात्रा हुई। मोदी जी ने सन 1990 में गुजरात विधानसभा चुनावों के बाद गुजरात में भाजपा की उपस्थिति को मजबूत करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी। सन 1995 के चुनावों में पार्टी ने 121 सीटें जीतीं, जिससे गुजरात में पहली बार भाजपा की सरकार बनी। पार्टी थोड़ी समय के लिए सत्ता में रही, जो सितंबर 1996 में समाप्त हो गई।
सन 1995 में मोदी जी को हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में गतिविधियों को संभालने के लिए भाजपा का राष्ट्रीय सचिव चुना गया, और वे नई दिल्ली में स्थानांतरित हो गए। सन 1998 में जब भाजपा में आंतरिक लीडरशिप विवाद चल रहा था, तब मोदी जी ने उस दौरान भाजपा की चुनाव जीत का मार्ग प्रशस्त किया, जिससे विवादों को सुलझाने में सफलतापूर्वक मदद मिली। इसके बाद इसी साल मोदी जी महासचिव नियुक्त किये गये। इस पद में वे सन 2001 तक कार्यरत थे। उस दौरान मोदी जी को विभिन्न राज्यों में पार्टी संगठन को फिर से लाने की जिम्मेदारी सफलतापूर्वक निभाने का श्रेय दिया गया था।
नरेंद्र मोदी जी ने पहली बार सन 2001 में विधान सभा चुनाव लड़ा, और राजकोट में 2 में से एक सीट जीती. जिसके बाद वे गुजरात के मुख्यमंत्री बन गए। दरअसल उस समय केशुभाई पटेल का स्वास्थ्य ख़राब हो गया था और दूसरी तरफ उपचुनाव में भाजपा राज्य की कुछ विधानसभा सीटें हार गई थी. जिसके बाद बीजेपी की राष्ट्रीय लीडरशिप केशुभाई पटेल के हाथ से लेकर मोदी जी को थमा दी गई थी और उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार सौंपा गया। 7 अक्टूबर सन 2001 को मोदी जी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। इसके बाद उनकी एक के बाद एक जीत निश्चित होती चली गई। सबसे पहले उन्होंने 24 फरवरी 2002 में राजकोट के ‘द्वितीय निर्वाचन क्षेत्र’ के लिए उपचुनाव जीता. उन्होंने कांग्रेस के अश्विन मेहता को 14,728 वोटों से हराया। नरेंद्र मोदी लगातार चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री चुने गए।
प्रधानमंत्री पद के लिए जीत हासिल करने के बाद 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण की और इस तरह से वे देश के 15वें प्रधानमंत्री नियुक्त हो गये। नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद लोगों को उनसे काफी उम्मीदें होने लगी। प्रधानमंत्री के रूप में मोदी जी ने भारत में कई विकास कार्य किये। उन्होंने विदेशी व्यवसायों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया। मोदी जी ने विभिन्न नियमों, परमिट्स और इंस्पेक्शन लागू किये, जिससे कि व्यवसाय अधिक एवं आसानी से बढ़ सके। मोदी जी ने सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों पर कम खर्च किया, और स्वास्थ्य सेवा की तरफ अधिक ध्यान केन्द्रित किया। इसके अलावा मोदी जी ने हिंदुत्व, रक्षा, पर्यावरण एवं शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए भी कई कार्य किये।
2019 लोकसभा चुनाव में मोदी जी का परचम फिर छाया रहा। मोदी क्रांति ने दुसरे दलों को बहुत पीछे छोड़ दिया। नरेन्द्र मोदी जी की पूर्ण बहुमत के साथ 303 सीट प्राप्त कर अभूतपूर्व जीत हुई। भारत के इतिहास में पहली बार है कि किसी नेता ने लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ इतनी बड़ी जीत हासिल की है। भारत की जनता ने इस बार अपना प्रधानमंत्री खुद चुना है, और सबने मोदी जी पर पूर्ण विश्वास दिखाया है।
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