राजस्थान जिला दर्शन – अजमेर
➢ अजमेर शहर का नाम अजयमेरू के नाम पर पड़ा हैं। जिसकी स्थापना 1113 ई. में चौहान राजा अजयराज ने की थी।
➢ अजमेर नगर घुघरा घाटी को केंद्र मानकर बसाया गया। अजमेर का वास्तविक संस्थापक अजयराज चौहान को माना जाता हैं।
➢ चौहान राजा अजयराज ने 1113 ई. में अजमेर नगर की स्थापना की थी । अजयराज ने अपनी राजधानी का नाम अजयमेरु रखा ।
➢ जबकि अजयपाल ने 7 वी सदी में बिठली पहाड़ी पर एक क़िला गढ़-बिठली नाम से बनवाया था। जो बाद में अजयराज के द्वारा स्थापित 1113 ई. में अजमेर नगर के नाम से अजयमेरु कहलाया । जिसे कर्नल टाड ने अपने सुप्रसिद्ध ग्रंथ में राजपूताने की कुँजी कहा है।
➢ अजमेर जिले का क्षेत्रफल : 8481 वर्ग किलोमीटर
➢ अजमेर जिले के प्रमुख मंदिर
ब्रह्मा मंदिर ( पुष्कर में )
सावित्री मंदिर
रंगनाथजी का मंदिर
वराह मंदिर ( पुष्कर में )
गायत्री मंदिर
अजमेर जिले के प्रमुख मेले एवं त्यौहार
➢ पुष्कर मेला – यह मेला पुष्कर (अजमेर) में कार्तिक शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा तक भरता है। यह राजस्थान का सबसे बड़ा सांस्कृतिक मेला। यहां पशु मेला भी भरता है।
➢ ख्वाजा साहब का उर्स – यह उर्स अजमेर में रज्जब माह की 1 से 6 तारीख तक भरता है।
➢ कल्पवृक्ष मेला – यह मेला मांगलियावास (अजमेर) में श्रावण मास की हरयाली अमावस्या को भरता है।
➢ कार्तिक पशु मेला – यह पशु मेला पुष्कर (अजमेर) में कार्तिक शुक्ल 8 से मार्गशीर्ष 2 तक भरता है।
अजमेर के प्रमुख दुर्ग
➢ अजयमेरु दुर्ग (तारागढ़ दुर्ग)
➢ मैगनीज दुर्ग
➢ केहरीगढ़ दुर्ग
➢ टॉडगढ़ दुर्ग