सन्देश (Sandes) – भारत का नया इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म || फरवरी 2021
नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) ने ‘सन्देश’ (Sandes) नाम से एक एप्प लॉन्च किया है। यह इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप जैसा है। इसका उपयोग किसी भी प्रकार के संचार के लिए किया जा सकता है। इस एप्प के साथ पंजीकृत होने के लिए मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी की आवश्यकता होती है।
इस एप्लीकेशन को लॉन्च करने की आवश्यकता कर्मचारियों के बीच एक सुरक्षित संचार सुनिश्चित करने के लिए महसूस की गई क्योंकि “होम से काम” संस्कृति ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की पृष्ठभूमि में गति प्राप्त की है। एनआईसी ने अगस्त 2020 में इस एप्प का पहला संस्करण जारी किया था। इस एप्प को केंद्रीय और राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा अंतर-संगठनात्मक संचार के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह एप्प शुरुआत में एंड्रॉइड यूजर्स और मुख्य रूप से सरकारी अधिकारियों के लिए लॉन्च किया गया था। बाद में, इस सेवा को iOS उपयोगकर्ताओं के लिए भी बढ़ा दिया गया था और अब यह आम जनता के लिए भी उपलब्ध है। यह एप्प भारत में निर्मित सॉफ्टवेयर के उपयोग को आगे बढ़ाने की सरकारी रणनीति का एक हिस्सा है।
• पृष्ठभूमि –
वर्ष 2020 में गृह मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों के लिए सुरक्षा चिंताओं के कारण आधिकारिक संचार के लिए ज़ूम जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग नहीं करने के लिए एडवाइजरी जारी की थी। इससे पहले, कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सर्टिफिकेट-इन) ने जूम के खिलाफ सुरक्षा और गोपनीयता चिंताओं के संबंध में एक एडवाइजरी भी जारी की थी।
• विशेषताएं –
इस एप्लीकेशन का इंटरफ़ेस अन्य एप्लीकेशन्स के समान है। इस एप्प में दो प्लेटफ़ॉर्म के बीच चैट हिस्ट्री ट्रांसफर करने का कोई विकल्प नहीं है। हालांकि, गवर्नमेंट इंस्टेंट मैसेजिंग सिस्टम (GIMS) या सन्देश एप्प पर चैट को ईमेल की सहायता से किया जा सकता है। यूजर को पंजीकृत करने के लिए ऐप को एक वैध मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी की आवश्यकता होती है। इसमें ब्रॉडकास्ट मेसेज, ग्रुप बनाना, मेसेज फॉर्वार्डिंग और इमोजी जैसी विशेषताएं शामिल हैं। इसमें एक अतिरिक्त सुरक्षा सुविधा भी है। यह प्लेटफार्म यूजर को गोपनीय के रूप में संदेश को चिह्नित करने की अनुमति देता है। इस प्रकार, यह प्राप्तकर्ता को अवगत कराता है कि संदेश अन्य उपयोगकर्ताओं को फॉरवर्ड नहीं किया जाना चाहिए।